The Lion and The Mouse Story in Hindi | शेर और चूहे की कहानी हिंदी

हमने आपके लिए एक नैतिक कहानी लिखी है, जो आपके लिए बहुत मजेदार है, जिसे आप अच्छी चीजें समझ सकते हैं, The Lion and The Mouse Story, हमारी कोशिश है कि आप कहानी को बहुत ही सरल शब्दों में समझ सकें। कहानी पढ़कर आपको बहुत अच्छा लगेगा

The Lion and The Mouse Story

The Lion and The Mouse Story जो आपके बच्चों को नैतिक शिक्षा देने में मदद करेगी, हमारी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोग शिक्षा प्राप्त करें। लोगों को अच्छी बातें अपनी पोस्ट के जरिए बतानी चाहिए।

The Lion and The Mouse Story

एक समय की बात है। जंगल का राजा शेर एक पेड़ के नीचे गहरी नींद में सो रहा था। तभी वहां एक चूहा आया और शेर को गहरी नींद में सोता समझकर उसके पास आया और उछलने लगा।

इस दौरान चूहा कभी शेर की पीठ पर कूद जाता तो कभी उसकी पूंछ खींच लेता। चूहे की इस लगातार उछल-कूद से अचानक शेर की नींद खुल गई और उसने चूहे को अपने पंजों से पकड़ लिया।

शेर ने गुस्से में कहा – “मूर्ख चूहा! तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे जगाने की?

यह सुनकर चूहा डर से काँपने लगता है और वह डरे हुए शेर से कहता है – “नहीं नहीं, ऐसा मत करो साहब! मुझे मत खाओ, मैं गलत हूँ। और वैसे भी, मैं इतना छोटा हूँ कि तुम्हारा भी भूख नहीं मिटेगी। मुझ पर दया कीजिए साहब, शायद मैं किसी दिन आपकी कुछ मदद कर सकूं।’

शेर ने मन ही मन सोचा कि इतना छोटा चूहा मेरी क्या मदद कर पाएगा लेकिन फिर भी चूहे को गिड़गिड़ाते देख शेर को उस पर दया आ गई और उसने चूहे को छोड़ दिया।

कुछ दिनों के बाद शेर एक शिकारी के जाल में फंस जाता है और उस जाल से निकलने की बहुत कोशिश करता है, लेकिन वह जितनी कोशिश करता है, उतना ही जाल में फंसता जाता है।

इस प्रकार अब शेर थककर जोर-जोर से दहाड़ने लगता है। जंगल में शेर की दहाड़ दूर-दूर तक सुनाई दे रही थी। जब चूहे ने अब शेर की यह दहाड़ सुनी तो उसने सोचा कि जंगल के राजा पर जरूर संकट आया होगा।

तो अब जब वह शेर के पास गया तो उसने देखा कि शेर सच में संकट में था। उसने शेर से कहा कि साहब आप बिल्कुल चिंता न करें। मैं इस जाल को अपने दाँतों से काटकर तुझे छुड़ाने जा रहा हूँ।

चूहे ने कुछ ही देर में अपने तीखे दांतों से जाल को काटकर शेर को आजाद कर दिया। चूहे की इस हरकत से शेर बहुत खुश हुआ और चूहे से बोला – “मित्र, मैं तुम्हारा यह उपकार कभी नहीं भूलूंगा, तुमने आज मेरी जान बचाकर मुझ पर बहुत बड़ा उपकार किया है।”

चूहे ने कहा कि नहीं राजा तुमने उस दिन मेरी जान बख्श कर मुझ पर यह किया था। यदि तुमने उस दिन मुझ पर दया नहीं दिखाई, तो शायद मैं आज तुम्हारी सहायता न कर सकूँ।

चूहे की बात सुनकर शेर एक बार फिर मुस्कुराया और बोला – “आज से तुम मेरे सच्चे दोस्त हो।”

नैतिक शिक्षा:- कभी किसी को अपने से छोटा या कमजोर मत समझो।

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